Thursday, June 2, 2016

कुरियर की आड़ में हवाला करने वाले पांच आंगड़ियों पर आयकर का छापा

- दवा बाजार और श्रीवर्धन कॉम्पलेक्स में दबिश, डेढ़ करोड़ सीज, दर्जनभर से पूछताछ
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
कुरियर के नाम पर इंदौर और गुजरात के बीच हवाले का कारोबार करने वाले पांच प्रतिष्ठानों के खिलाफ इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमार कार्रवाई की और करीब डेढ़ करोड़ रुपए बरामद किए। देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान कई ऐसे लोग भी विंग के हाथ लगे जो अपना पैसा जमा करने आए थे या फिर लेने आए थे। इनसे भी पूछताछ की गई लेकिन कोई भी रकम का हिसाब नहीं दे पाया।
गोपनीय सूचना के आधार पर विंग ने आरएनटी मार्ग स्थित श्रीवर्धन कॉम्पलेक्स की चार और दवा बाजार की एक दुकान पर दबिश दी। श्रीवर्धन कॉम्पलेक्स में जहां राजीव कांतिलाल कुरियर कंपनी (पता- यूजी 11), एम. माधवलाल कंपनी (यूजी-22) राजेश जैन (सी-3) और आर. फाइनेंस एंड कुरियर कंपनी (यूजी-3) पर दबिश दी गई। यहां तीन प्रमाइसेस में रकम के साथ लोग भी पकड़े गए। वहीं सी-3 वाले राजेश जैन फरार हो गए। वहीं दवा बाजार में जिस प्रमाइसेस पर रेड हुई वह राजीव गुप्ता ‘मामा’ का है। इन पांचों जगह से डेढ़ करोड़ रुपए बरामद हुए हैं।
कड़ी पूछताछ
चूंकि कार्रवाई शाम 5 बजे हुई और देर रात तक चलती रही। इसीलिए जब तक लोगों को पता नहीं चला लोग अपना पैसा लेने और देने आते रहे। उन्हें विंग के अधिकारियों ने वहीं धर लिया और कड़ी पूछताछ की। किसी ने कहा खाना देने आए हैं तो किसी ने कहा कि प्यास लगी थी पानी पीने आ गया।
कुख्यात है श्रीवर्धन कॉम्पलेक्स
जिस श्रीवर्धन कॉम्पलेक्स में कार्रवाई हुई है वह हवाला कारोबार के लिए कुख्यात हो चुका है। 6 मई 2015 को धार पुलिस ने जेतपुरा से 47.50 लाख रुपए की हवाला रकम के साथ मेहसाणा निवासी अमृत पटेल और पाटण निवासी पिंकल पटेल को गिरफ्तार किया था। ये आंगड़िये अहमदाबाद की पटेल मणिलाल मगनलाल एंड संस आंगड़िया सर्विस के पास जा रहे थे जिनका क्षेत्रीय कार्यालय भी श्रीवर्धन कॉम्पलेक्स की दूसरी मंजिल पर था। दूसरी कंपनी पटेल दिनेशकुमार दशरथलाल जी का भी आॅफिस यहीं है। दोनों जगह नोटिस चस्पाए गए।
ऐसा है कैश कूरियर का कारोबार
- इंदौर में एक रजिस्टर के साथ आॅफिस खोला। जहां इंट्री होती है।
- नोट के नंबर से होता है केश ट्रांजेक्शन- जैसे किसी का पैसा इंदौर से अहमदाबाद पहुंचाना है तो रकम इंदौर में जमा होगी, ग्राहक को एक नोट का नंबर दे दिया जाता है। जो उस आदमी तक पहुंचाया जाता है जो अहमदाबाद में पैसे लेगा। जब वह अहमदाबाद आॅफिस में जाकर नोट नंबर बताएगा तो उसे टेली करके वहां बैठे लोग उसे पैसा दे देंगे।
- 80 फीसदी कारोबार ऐसे ही होता है। अहमदाबाद आॅफिस में जितना पैसा है उससे ज्यादा पहुंचाने का आॅर्डर मिलने पर ही आदमी के हाथों पैसा भेजा जाता है। वह भी सिर्फ अंतर राशि।
- इस राशि को जैकेट में ले जाते हैं। ले जाते वक्त बीच में बसें बदल-बदल कर जाते हैं ताकि पुलिस की निगाह न पड़े।
- जैसे बुकिंग यदि एक लाख रुपए की हुई है तो उसकी पर्ची ग्राहक को सिर्फ 1000 रुपए लिखकर ही दी जाती है। यानी बाकी 99 फीसदी गोलमाल।

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