चार र्इंच पानी में डूबो दी विवादित जमीन, बताई अपनी जद
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अब तक हुई चार इंच बारीश ने शहरवासियों को सूरज के तल्ख तेवर से राहत दी है वहीं अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे पीपल्याहाना तालाब की ताकत भी बढ़ा दी है। लोकसभा अध्यक्ष से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सड़क से लेकर कोर्ट तक में लड़ाई लड़ रहे हैं। बात नहीं बनी। वहीं कागजी किस्से कहानियों को पीछे छोड़ सिर्फ चार इंच पानी के दम पर अपनी जद दिखाते हुए तालाब ने कोर्ट के निर्माण की वैधानिकता को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
राजस्व दस्तावेजों में पीपल्याहाना तालाब पीपल्याहाना गांव की सर्वे नं. 525 की 3.674 हेक्टेयर जमीन पर है। कोर्ट का निर्माण 526/1/1 और 526/1/2 पर हो रहा है। रिकार्ड के आधार पर पीडब्ल्यूडी को स्टेट लेवल एक्सपर्ट अप्राइजल कमेटी (एसईएसी) ने 20 शर्तों के साथ 11.161 हेक्टेयर जमीन पर कुल 144492 वर्गमीटर निर्माण की अनुमति दी थी। 18 मार्च 2016 को एनजीटी अपने आर्डर में भी शर्तों का जिक्र कर चुका है। इन शर्तों और तमाम आंदोलनों का दरकिनार करके भी देखें तो बुधवार की शाम तक सूखे नजर आ रहे तालाब ने गुरुवार की शाम को निर्माण और निर्माण के हिमाइतियों को अपनी ताकत और जमीन दिखा दी।
कैसे हो अब निर्माण...
एसईएसी के निर्देश और एनजीटी के आदेश के मुताबिक प्रोजेक्ट प्लानर (पीपी) को तालाब के फुल टैंक लेवल (एफटीएल) से 30 मीटर दूर तक ग्रीन बेल्ट छोड़ना होगा। किसी तरह का निर्माण नहीं कर सकता।
इंदौर विकास योजना 2021 की कंडिका 6.15.3 अनुसार बड़े तालाबों से हाई फ्लड लेवल (एचएफएल) से 60 मीटर और छोटे तालाब से 30 मीटर की दूरी तक किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो सकता।
तेजी से बढ़ रहा है पानी...
बुधवार शाम हुई बरसात ने तालाब और तालाब से लगी उस जमीन को भी पानी से लबालब कर दिया है जहां जिला कोर्ट बनना है। गुरुवार की शाम भी अच्छी बरसात हुई जिससे आसपास के क्षेत्र का बरसाती पानी तेजी से तालाब का जलस्तर बढ़ा रहा है। अब एक तरफ क्षेत्रवासी एक साथ चार इंच बरसात के लिए दुआ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कंपनी प्रबंधन मिलीमीटर बरसात के नाम से भी कांपने लगी है।
तो काम बंद होना तय...
गुरुवार शाम तक मौसम की कुल 4 इंच बरसात हुई है जबकि बीते वर्षों के औसत से 40 से 45 इंच बरसात अभी बाकी है। यही पीडब्ल्यूडी और निर्माणकर्ता दिलीप बिल्डकॉन की बड़ी चिंता है। क्योंकि यदि एक बार काम बंद हुआ तो छह महीने से पहले शुरू होना नहीं है। इसमें चार महीने तो बरसात के हैं और दो महीने लेवल कम होने के।
खुले आसमान में बंद, बरसात होते ही काम शुरू
गुरुवार की शाम 4 बजे तक बाउंड्रीवाल का काम सुस्त था। कोई मशीन नहीं लगी थी। सभी की चिंता पानी के बढ़ते लेवल की थी। इसी बीच अचानक तेज बरसात शुरू हो गई जो 5.30 बजे तक जारी रही। बरसात थमते ही निर्माणकर्ता कंपनी ने पहले गिट्टी चूरी डालकर बाउंड्रीवाल तक पहुंचने के लिए अस्थाई सड़क बनाई और फिर मिक्सर, डम्पर और पोकलेन लगा दी ताकि जल्द से जल्द बाउंड्रीवाल को पानी के लेवल से ऊंचा कर दिया जाए।
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अब तक हुई चार इंच बारीश ने शहरवासियों को सूरज के तल्ख तेवर से राहत दी है वहीं अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे पीपल्याहाना तालाब की ताकत भी बढ़ा दी है। लोकसभा अध्यक्ष से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सड़क से लेकर कोर्ट तक में लड़ाई लड़ रहे हैं। बात नहीं बनी। वहीं कागजी किस्से कहानियों को पीछे छोड़ सिर्फ चार इंच पानी के दम पर अपनी जद दिखाते हुए तालाब ने कोर्ट के निर्माण की वैधानिकता को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
राजस्व दस्तावेजों में पीपल्याहाना तालाब पीपल्याहाना गांव की सर्वे नं. 525 की 3.674 हेक्टेयर जमीन पर है। कोर्ट का निर्माण 526/1/1 और 526/1/2 पर हो रहा है। रिकार्ड के आधार पर पीडब्ल्यूडी को स्टेट लेवल एक्सपर्ट अप्राइजल कमेटी (एसईएसी) ने 20 शर्तों के साथ 11.161 हेक्टेयर जमीन पर कुल 144492 वर्गमीटर निर्माण की अनुमति दी थी। 18 मार्च 2016 को एनजीटी अपने आर्डर में भी शर्तों का जिक्र कर चुका है। इन शर्तों और तमाम आंदोलनों का दरकिनार करके भी देखें तो बुधवार की शाम तक सूखे नजर आ रहे तालाब ने गुरुवार की शाम को निर्माण और निर्माण के हिमाइतियों को अपनी ताकत और जमीन दिखा दी।
कैसे हो अब निर्माण...
एसईएसी के निर्देश और एनजीटी के आदेश के मुताबिक प्रोजेक्ट प्लानर (पीपी) को तालाब के फुल टैंक लेवल (एफटीएल) से 30 मीटर दूर तक ग्रीन बेल्ट छोड़ना होगा। किसी तरह का निर्माण नहीं कर सकता।
इंदौर विकास योजना 2021 की कंडिका 6.15.3 अनुसार बड़े तालाबों से हाई फ्लड लेवल (एचएफएल) से 60 मीटर और छोटे तालाब से 30 मीटर की दूरी तक किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो सकता।
तेजी से बढ़ रहा है पानी...
बुधवार शाम हुई बरसात ने तालाब और तालाब से लगी उस जमीन को भी पानी से लबालब कर दिया है जहां जिला कोर्ट बनना है। गुरुवार की शाम भी अच्छी बरसात हुई जिससे आसपास के क्षेत्र का बरसाती पानी तेजी से तालाब का जलस्तर बढ़ा रहा है। अब एक तरफ क्षेत्रवासी एक साथ चार इंच बरसात के लिए दुआ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कंपनी प्रबंधन मिलीमीटर बरसात के नाम से भी कांपने लगी है।
तो काम बंद होना तय...
गुरुवार शाम तक मौसम की कुल 4 इंच बरसात हुई है जबकि बीते वर्षों के औसत से 40 से 45 इंच बरसात अभी बाकी है। यही पीडब्ल्यूडी और निर्माणकर्ता दिलीप बिल्डकॉन की बड़ी चिंता है। क्योंकि यदि एक बार काम बंद हुआ तो छह महीने से पहले शुरू होना नहीं है। इसमें चार महीने तो बरसात के हैं और दो महीने लेवल कम होने के।
खुले आसमान में बंद, बरसात होते ही काम शुरू
गुरुवार की शाम 4 बजे तक बाउंड्रीवाल का काम सुस्त था। कोई मशीन नहीं लगी थी। सभी की चिंता पानी के बढ़ते लेवल की थी। इसी बीच अचानक तेज बरसात शुरू हो गई जो 5.30 बजे तक जारी रही। बरसात थमते ही निर्माणकर्ता कंपनी ने पहले गिट्टी चूरी डालकर बाउंड्रीवाल तक पहुंचने के लिए अस्थाई सड़क बनाई और फिर मिक्सर, डम्पर और पोकलेन लगा दी ताकि जल्द से जल्द बाउंड्रीवाल को पानी के लेवल से ऊंचा कर दिया जाए।
No comments:
Post a Comment