Tuesday, June 28, 2016

मनज्योति संस्था का संचालक था सज्जन का बेटा पवन

- नगर निगम कर्मचारी सहकारी संस्था ने 2010 में ही कर दिया था संस्था से अनुबंध
- 2008 से 2013 तक रहा संचालक मंडल में
इंदौर. विनोद शर्मा ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने का सपना देखते आ रहे पूर्व सांसद सज्जनसिंह वर्मा की तरह ही उनका बेटा भी सहकारिता के क्षेत्र में हाथ काले करके बैठा है। इसका बड़ा उदाहरण है स्कीम-59 स्थित प्लॉट नं. 173 है। इंदौर नगर पालिका निगम कर्मचारी सहकारी संस्था ने 2010 में जब इस प्लॉट का सौदा मनज्योति गृह निर्माण सहकारी संस्था को किया था तब मनज्योति के संचालकों में वर्मा का बेटा मुकेश ‘पवन’ भी शामिल था।
2015 में हुई एक शिकायत के अनुसार इंदौर नगर पालिका निगम कर्मचारी सहकारी संस्था का स्कीम-59 (अमितेषनगर) में 1279.72 वर्गमीटर (13774.79 वर्गफीट) प्लॉट था जिसे संस्था ने 1 करोड़ 40 लाख 76 हजार 920 रुपए में मनज्योति संस्था को बेच दिया। जबकि उस वक्त प्लॉट की गाइडलाइन वेल्यू 5 करोड़ से अधिक थी। जांच के बाद शिकायत सही पाई गई।  12 जून 2014 को मनज्योति के पक्ष में हुई रजिस्ट्री के अनुसार सौदे का अनुबंध एक लाख रुपए के बयाने के साथ 11 मई 2010 को ही हो चुका था। उस वक्त मनज्योति के संचालक मंडल में मुकेश ‘पवन’ पिता सज्जनसिंह वर्मा भी शामिल थे। इस संचालक मंडल का चुनाव 2008 में हुआ था और इसका कार्यकाल 2013 तक रहा।  
वर्मा की जैबी संस्था है मनज्योति
आकाश गृह निर्माण सहकारी संस्था में अपने खासमखास मनोहर धवन के साथ अपने परिवार के नाम आधा दर्जन प्लॉट लेने वाले वर्मा की मनज्योति जैबी संस्था है। सौदे के वक्त इस संस्था के अध्यक्ष 169 क्रांति कृपलानी नगर निवासी सुरेश हीरानंद गुरनानी रहे हैं जो कि वर्मा की टीम की हिस्सा हैं।
मनज्योति ने भी तोड़ा नियम
जांच में नगर निगम संस्था के अध्यक्ष महेश राही और मनज्योति संस्था के अध्यक्ष सुरेश गुरनानी दोनों को ही दोषी ठहराया गया है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही संस्था को हुए नुकसान की राशि वसूलने सहित अन्य कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
मनज्योति के संचालकों को राहत क्यों?
-- बीते दिनों सहकारिता उपायुक्त ने संस्थाध्यक्ष महेश पिता शंकरलाल राही को सहकारिता अधिनियम की धारा 53 बी/ख के तहत निष्कासित करने का आदेश भी जारी किया। महेश छह साल तक संस्था का चुनाव नहीं लड़ सकते। जबकि 2010 में जब अनुबंध हुआ था तब संस्थाध्यक्ष रामलाल यादव थे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हुई।
-- राजनीतिक रसूखदारी के चलते विभाग ने मनज्योति के संचालकों पर कार्रवाई नहीं की। उन्हें दोषी जरूर माना। दोनों ही संस्थाओं के बीच हुए सौदे का खुलासा करने वाले नगर निगम संस्था के पूर्व क्लर्क कम प्रबंधक कैदार यादव को उपायुक्त सहकारिता पुलिस बुलाकार बंद करवाने की धमकी देते हैं।
-- मनज्योति के अध्यक्ष का नाम रजिस्ट्री पर सुरेश पिता हीरानंद गुरनानी है जबकि सहकारिता विभाग के रिकार्ड में 2008 से 2013 के बीच सुरेश जेठानंद अध्यक्ष रहे हैं। 81 क्रांति कृपलानी नगर निवासी इस सुरेश का सदस्यता क्रमांक 17 है  जो कि 01-07-94 को दी गई थी।
यह था मनज्योति का संचालक मंडल
(पंजीयन क्रमांक : डीआर/आईडीआर/575/डीआई/12/07/1994)
अध्यक्ष : सुरेश गुरनानी
उपाध्यक्ष : मुकेश जमुनादास
संचालक : मुकेश ‘पवन’ सज्जनसिंह वर्मा, देवा बृजलाल, संजय घनश्याम, प्रदीप गुरनानी, रीना कमल कुमार और कमल सुराना।

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