Thursday, June 2, 2016

नौ साल, छह राज्य और पायलेट बाबा के 8000 पीड़ित

- पुलिस जांच में ही उलझी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अलीगढ़ (उप्र) में रूद्र कम्प्यूटर एज्यूकेशन संस्था है जो ग्रामीण बच्चों को मुफ्त कम्प्यूटर शिक्षा देती है। संस्था ने 2009 में आइकावा कम्प्यूटर एज्यूकेशन सोसायटी की फ्रेंचाइजी ली। इगलास में केंद्र खोला और 1 रुपए की फीस पर शिक्षा देने लगे। टीचर को तनख्वाह संस्था देती थी। रूद्र का काम देख एक सज्जन ने भी फ्रेंचाइजी लेना चाही। रूद्र ने नियमानुसार आइकावा के नाम 50 हजार की डीडी बनवाई और बरेली  आॅफिस में जमा करवा दी। कुछ दिन बाद संस्था बंद हो गई। रूद्र के पैसे तो डूबे ही जिसके पैसे जमा करवाए वह भी तकादा लगाने लगा।
न सिर्फ रूद्र के संचालक बल्कि बिहार, उप्र, उड़िसा, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में तकरीबन 8000 लोग ऐसे हैं जिन्हें नौ साल से अपनी जमा रकम और दोषियों को सजा मिलने का इंतजार है। किसी ने एक सेंटर की एवज में राशि जमा की हुई तो किसी ने दो या तीन के लिए। 2009 से लेकर 2016 के बीच लगातार शिकायतों का दौर जारी है हालांकि अब तक न आइकावा इंटरनेशनल एज्यूकेशन सोसायटी के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई की। न ही सोसायटी के अध्यक्ष योगीराज पायलेट बाबा  और उपाध्यक्ष योगमाता केकओ आइकावा के खिलाफ। यही वजह है कि दोनों इन राज्यों में जाने से बचते हैं।
आईकावा और यूकेब ने मिलाया था हाथ
उप्र के दो प्रमुख एनजीओ (आइकावा इंटरनेशनल एज्यूकेशन और यूकेब लिटरेसी मिशन) न हाथ मिलाया और रूरल और सेमी अर्बन एरिया में आईटी प्रोग्राम शुरू किए। इसे आइकावा की फ्रेंचाइजर्स के लिए शुभ संकेत बताया गया।
2008 से शंका का केंद्र था संस्थान
अलीगढ़ के योगेंद्र सिंह ने 10 नवंबर 2008 को शंका व्यक्त की। रूद्र संस्था से पूछा था कि क्या संस्था का आईटी प्रोग्राम यूं ही चलता रहेगा। सवाल 2-3 महीने से उनके सेंटर को आइकावा से मिलने वाली रॉयल्टी न मिलने के कारण पूछा गया था। आइकावा के चेक भी बाउंस होने लगे थे।
12 नवंबर को संजय सिंह ने जवाब देते हुए लिखा कि आइकावा का आईटी प्रोग्राम लगातार जारी रहेगा। चेयरमैन हिमांशु राय ने पूर्ववत प्रोग्राम चलाए रखने की जानकारी दी।
124 फ्रेंचाइजी की सूची जारी हुई
13 नवंबर 2008 को आईकावा ने 124 लोगों की सूची जारी की जिन्होंने फ्रेंचाइजी में रुचि जताई थी। चंदौली, धानपुर के सरफराज अहमद, कानपुर से गणेश दीक्षित, ललितपुर के पंचमसिंह पटेल,  आजमगढ़ से नीतू सिंह, बदायू से अंतरसिंह यादव, कौशाम्बी से शमिम हैदर रिजवी, पिलीभीत से तौलेराम गंगवार, वाराणासी से अजय कुमार,  जौनपुर से शेषनारायण मिश्रा, हमीरपुर से प्रतीपाल सिंह जैसे नाम शामिल हैं।
यह है चोरों की जमानत...
संस्था.. आइकावा इंटरनेशनल एज्यूकेशनल
पता - हल्दवानी नैनीताल
अध्यक्ष : महायोगी पायलेट बाबा
उपाध्यक्ष : योगमाता केकओ आइकावा
चेयरमैन : हिमांशु राय
एमडी : ईशरत खान
डायरेक्टर डेवलमेंट : इरफान खान
डायरेक्टर फाइनेंस : विजय प्रकाश यादव
चीफ मैनेजर : क्यू.ए.रिजवी
कौनसा सेंटर कौन संभालता है..
जी.डी.शाक्य(आगरा), इजहार हुसैन(बरैली), धर्मेंद्र सिंह भदौरिया (कानपुर), केके मिश्रा(गौरखपुर), शाकिब अब्बास (वाराणासी), बिपिन मिश्रा (बिहार-झारखंड-राजस्थान), सुधीर श्रीवास्तव (बिहार, झारखंड, उड़िसा), एस.दास गुप्ता (डीओ-उड़िसा) और पवन सिंह (डीओ-बिहार), इकबाल अहमद (डीओ पटना)
ऐसे करता था सिस्टम काम...
- स्वरोजगार के नाम पर युवाओं को प्रेरित किया गया।
- सब्जाबाग यह दिखाया कि फ्रेंचाइजी मिलने के बाद आप एज्युकेशन देते रहो, टीचर की फीस संस्था दे देगी।
- फ्रेंचाइजी के लिए 50 हजार की डीडी बनवाकर संस्था में जमा करना पड़ता था जिसे सुरक्षा निधि कहते थे।
- इसके बाद ही फ्रेंचाइजी लेने वाले बच्चों को एडमिशन दे सकते हैं।
गुंडागर्दी पर उतर आए
महायोगी पायलेट बाबा ने धोखाधड़ी के खुलासों के बाद सन्यास को किनारे रखकर गुंडागर्दी शुरू कर दी। उन्होंने दबंग दुनिया की टीम को भी जमकर धमकाया। इस बात की शिकायत कलेक्टर कवीद्र कियावत और डीआईजी राकेश गुप्ता से की गई है।

No comments:

Post a Comment