समझाइश के बावजूद आईडीएस से किनारा करने वालों के खिलाफ आयकर ने कसी कमर
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इनकम डिसक्लोज स्कीम (आईडीएस) को मिली सफलता के बाद इनकम टैक्स ने उन कुबेरों की सूची तैयार की है जिन्होंने समझाइश के बावजूद स्कीम के तहत सरेंडर नहीं किया। बताया जा रहा है कि सूची बनाकर ऐसे चार हजार लोगों की कुंडली जांचना शुरू कर दी गई है। नवंबर से लेकर जनवरी के बीच इन पर गाज गिरना तय है।
टाइम बम के फोटो के साथ इनकम टैक्स ने आईडीएस का प्रचार किया। कुछ लोग डरे, कुछ को डराया व समझाया अंतत: सरेंडर करवाया। ताकि स्कीम इंदौर मुख्य आयकर आयुक्तालय में फेल न हो। इस कड़ी में तकरीबन हर औद्योगिक और व्यापारिक संगठन से संपर्क किया गया था। 30 सितंबर को योजना सफलता के साथ संपन्न हुई। अक्टूबर का महीना सफलता के सेलीब्रेशन और दिपोत्सव के बीच गुजर गया। इस दौरान मुख्य आयकर आयुक्त वी.के.माथुर ने चीफ कमिश्नर बनकर गए प्रिंसिपल कमिश्नर गिरीश चांदोरकर का अतिरिक्त प्रभार उज्जैन रेंज के प्रिंसिपल कमिश्नर बी.एस.गेहलोत को देते हुए उन असेसियों से सख्ती से निपटने को कह दिया है जिन्होंने योजना में सहयोग नहीं किया।
मोदी दे चुके हैं सर्जिकल स्ट्राइक की चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत 30 सितंबर की समय सीमा के भीतर काले धन की घोषणा करने में नाकाम रहने वाले लोगों के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आईडीएस के तहत 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब संपत्ति की घोषणा हुई है, वह भी बिना किसी सर्जिकल स्ट्राइक के। सोचिए, अगर हम सर्जिकल स्ट्राइक करें, तो क्या होगा।
एक तरफ सर्टिफिकेट, दूसरी तरफ नोटिस
इनकम टैक्स में इन दिनों ताबड़तोड़ काम हो रहा है। एक तरफ आईडीएस के तहत सरेंडर करने वाले करदाताओं को सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ योजना से परहेज करने वाले असेसियों के पेनकार्ड, बैंक अकाउंट, लेन-देन और प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
गड़बड़ तय करेगी प्राथमिकता
इनकम टैक्स तकरीब 4000 असेसियों की समीक्षा कर रहा है। पेन, रिटर्न और बैंक अकाउंट के साथ प्रॉपर्टी की समीक्षा के बाद सामने आएगा कि किस व्यक्ति ने कितना धन छिपा रखा है। उसी आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की प्राथमिकता तय होगी। फिर भी माना जा रहा है कि नवंबर से जनवरी के बीच नोटिस और सर्वे की कार्रवाई होगी।
दिवाली की खरीद भी रहेगी आधार
बताया जा रहा है कि असेसियों द्वारा की गई दिवाली की खरीदी भी इनकम टैक्स की समीक्षा और कार्रवाई का आधार बन सकती है। इसके लिए सभी बैंकों से बड़े लेन-देन की जानकारी मांगी गई है। ज्वैलर्स, इलेक्ट्रॉनिक शोरूम, फर्नीचर और प्रॉपर्टी ब्रोकर्स व पंजीयक से जानकारी मांगी है।
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इनकम डिसक्लोज स्कीम (आईडीएस) को मिली सफलता के बाद इनकम टैक्स ने उन कुबेरों की सूची तैयार की है जिन्होंने समझाइश के बावजूद स्कीम के तहत सरेंडर नहीं किया। बताया जा रहा है कि सूची बनाकर ऐसे चार हजार लोगों की कुंडली जांचना शुरू कर दी गई है। नवंबर से लेकर जनवरी के बीच इन पर गाज गिरना तय है।
टाइम बम के फोटो के साथ इनकम टैक्स ने आईडीएस का प्रचार किया। कुछ लोग डरे, कुछ को डराया व समझाया अंतत: सरेंडर करवाया। ताकि स्कीम इंदौर मुख्य आयकर आयुक्तालय में फेल न हो। इस कड़ी में तकरीबन हर औद्योगिक और व्यापारिक संगठन से संपर्क किया गया था। 30 सितंबर को योजना सफलता के साथ संपन्न हुई। अक्टूबर का महीना सफलता के सेलीब्रेशन और दिपोत्सव के बीच गुजर गया। इस दौरान मुख्य आयकर आयुक्त वी.के.माथुर ने चीफ कमिश्नर बनकर गए प्रिंसिपल कमिश्नर गिरीश चांदोरकर का अतिरिक्त प्रभार उज्जैन रेंज के प्रिंसिपल कमिश्नर बी.एस.गेहलोत को देते हुए उन असेसियों से सख्ती से निपटने को कह दिया है जिन्होंने योजना में सहयोग नहीं किया।
मोदी दे चुके हैं सर्जिकल स्ट्राइक की चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत 30 सितंबर की समय सीमा के भीतर काले धन की घोषणा करने में नाकाम रहने वाले लोगों के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आईडीएस के तहत 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब संपत्ति की घोषणा हुई है, वह भी बिना किसी सर्जिकल स्ट्राइक के। सोचिए, अगर हम सर्जिकल स्ट्राइक करें, तो क्या होगा।
एक तरफ सर्टिफिकेट, दूसरी तरफ नोटिस
इनकम टैक्स में इन दिनों ताबड़तोड़ काम हो रहा है। एक तरफ आईडीएस के तहत सरेंडर करने वाले करदाताओं को सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ योजना से परहेज करने वाले असेसियों के पेनकार्ड, बैंक अकाउंट, लेन-देन और प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
गड़बड़ तय करेगी प्राथमिकता
इनकम टैक्स तकरीब 4000 असेसियों की समीक्षा कर रहा है। पेन, रिटर्न और बैंक अकाउंट के साथ प्रॉपर्टी की समीक्षा के बाद सामने आएगा कि किस व्यक्ति ने कितना धन छिपा रखा है। उसी आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की प्राथमिकता तय होगी। फिर भी माना जा रहा है कि नवंबर से जनवरी के बीच नोटिस और सर्वे की कार्रवाई होगी।
दिवाली की खरीद भी रहेगी आधार
बताया जा रहा है कि असेसियों द्वारा की गई दिवाली की खरीदी भी इनकम टैक्स की समीक्षा और कार्रवाई का आधार बन सकती है। इसके लिए सभी बैंकों से बड़े लेन-देन की जानकारी मांगी गई है। ज्वैलर्स, इलेक्ट्रॉनिक शोरूम, फर्नीचर और प्रॉपर्टी ब्रोकर्स व पंजीयक से जानकारी मांगी है।
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