करना थे पांच के तबादले, किए दो के, 15 दिन में फिर बुलाया
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अपने ही विभाग के ठेकेदार बन बैठे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) के मैदानी अमले को प्रभारी मंत्री जयंत मलैया भी सबक नहीं सीखा पाए। हुआ यूं कि तमाम शिकायतों के बाद मंत्री मलैया ने कलेक्टर को जिन पांच लोगों के तबादले की सूची भेजी थी कार्यपालन यंत्री ने उसमें से दो का ट्रांसफर तो किया लेकिन दस दिन बाद ही दोबारा बुला भी लिया। मलतब यह है कि शिकायत से पहले जो स्थिति थी वह तथाकथित तबादले के बाद भी है।
पीएचई में अधिकारी और कर्मचारी गिरोह के रूप में काम करके कैसे पानी से पैसा बहा रहे हैं? इसका खुलासा दो उपायुक्त सहित पांच लोगों के खिलाफ हुई शिकायत के साथ दबंग दुनिया ने 22 अगस्त को प्रकाशित समाचार में किया था। इसके बाद इंदौर के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने गंभीरता से लिया और कलेक्टर को पत्र लिखकर उपयंत्री एम.के.नाइक, टेक्नीशियन पुरणसिंह बेस, अनुरेखक राजेंद्र वर्मा, अकाउंटेंट ओ.पी. सोनवने और सुभाषचंद्र गवंडे को नियुक्ति से अन्यत्र ट्रांसफर के लिए लिखा। कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री संतोष श्रीवास्तव को मामले में कार्रवाई के लिए लिखा।
ऐसे मंत्री-कलेक्टर की आंखों में धूल झौंकी
मंत्री की सख्ती ने कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव को झटका दिया लेकिन झटके से उबरते हुए श्रीवास्तव ने ऐसा दिमाग लगाया कि ट्रांसफर भी हो गया और उनके गुर्गे वहीं रह भी गए।
जिला पेयजल समीक्षा समिति के सदस्य सज्जनसिंह भिलवारे ने शिकायत की जिसे गंभीरता से लेते हुए आठ दिन बाद मंत्री मलैया ने तबादला करने के निदे्रश दिए। इस आदेश के दूसरे ही दिन कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव ने ओपी सोनवने और पुरणसिंह बैस का ट्रांसफर पीएचई खंड इंदौर से उपखंड महू कर दिया। इसकी विधिवत सूचना मंत्री मलैया और कलेक्टर पी.नरहरी को भी दे दी गई जबकि दोनों यहीं काम करते रहे।
आदेश के ठीक 15 दिन बाद ही कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव ने ही एक नया आदेश निकाला और ओपी सोनवने को उपखंड महू से खंड इंदौर में अस्थाई तौर पर फिर नियुक्त कर दिया। आदेश में लिखा कि सोनवने को उपखंड महू के कार्य के अतिरिक्त खंड इंदौर में कार्य सुगमता की दृष्टि से काम करने के लिए निर्देशित किया जाता है।
नहीं दी मंत्री को जानकारी
बड़ी बात यह है कि जिन मंत्री मलैया के सख्त निर्देश पर सोनवने का तबादला हुआ और तबादला आदेश की जानकारी भी जिन्हें सौंपी गई उन्हे सोनवने को दोबारा खंड इंदौर में लाने की सूचना तक नहीं दी गई। न कलेक्टर को जानकारी दी गई। आदेश की कॉपी मूख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री और सहायक यंत्री उपखंड महू को ही भेजी गई।
ऐसा क्या मोह है ‘पंचों’ से
उपयंत्री एम.के.नाइक, टेक्नीशियन पुरणसिंह बेस, अनुरेखक राजेंद्र वर्मा, अकाउंटेंट ओ.पी. सोनवने और सुभाषचंद्र गवंडे पर इस मेहरबानी ने श्रीवास्तव के खिलाफ लगातार हो रही शिकायतों की पुष्टि भी कर दी है। पेयजल समिति सदस्य भिलवारे ने बताया कि पांचों श्रीवास्तव के कमाऊ पूत की तरह हैं इसीलिए वे किसी भी तरह इन्हें दूर नहीं करना चाहते फिर भले कलेक्टर पूरी ताकत लगा ले या फिर मंत्री। यह श्रीवास्तव इस घटनाक्रम को अंजाम देकर साबित भी कर चुके हैं।
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अपने ही विभाग के ठेकेदार बन बैठे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) के मैदानी अमले को प्रभारी मंत्री जयंत मलैया भी सबक नहीं सीखा पाए। हुआ यूं कि तमाम शिकायतों के बाद मंत्री मलैया ने कलेक्टर को जिन पांच लोगों के तबादले की सूची भेजी थी कार्यपालन यंत्री ने उसमें से दो का ट्रांसफर तो किया लेकिन दस दिन बाद ही दोबारा बुला भी लिया। मलतब यह है कि शिकायत से पहले जो स्थिति थी वह तथाकथित तबादले के बाद भी है।
पीएचई में अधिकारी और कर्मचारी गिरोह के रूप में काम करके कैसे पानी से पैसा बहा रहे हैं? इसका खुलासा दो उपायुक्त सहित पांच लोगों के खिलाफ हुई शिकायत के साथ दबंग दुनिया ने 22 अगस्त को प्रकाशित समाचार में किया था। इसके बाद इंदौर के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने गंभीरता से लिया और कलेक्टर को पत्र लिखकर उपयंत्री एम.के.नाइक, टेक्नीशियन पुरणसिंह बेस, अनुरेखक राजेंद्र वर्मा, अकाउंटेंट ओ.पी. सोनवने और सुभाषचंद्र गवंडे को नियुक्ति से अन्यत्र ट्रांसफर के लिए लिखा। कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री संतोष श्रीवास्तव को मामले में कार्रवाई के लिए लिखा।
ऐसे मंत्री-कलेक्टर की आंखों में धूल झौंकी
मंत्री की सख्ती ने कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव को झटका दिया लेकिन झटके से उबरते हुए श्रीवास्तव ने ऐसा दिमाग लगाया कि ट्रांसफर भी हो गया और उनके गुर्गे वहीं रह भी गए।
जिला पेयजल समीक्षा समिति के सदस्य सज्जनसिंह भिलवारे ने शिकायत की जिसे गंभीरता से लेते हुए आठ दिन बाद मंत्री मलैया ने तबादला करने के निदे्रश दिए। इस आदेश के दूसरे ही दिन कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव ने ओपी सोनवने और पुरणसिंह बैस का ट्रांसफर पीएचई खंड इंदौर से उपखंड महू कर दिया। इसकी विधिवत सूचना मंत्री मलैया और कलेक्टर पी.नरहरी को भी दे दी गई जबकि दोनों यहीं काम करते रहे।
आदेश के ठीक 15 दिन बाद ही कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव ने ही एक नया आदेश निकाला और ओपी सोनवने को उपखंड महू से खंड इंदौर में अस्थाई तौर पर फिर नियुक्त कर दिया। आदेश में लिखा कि सोनवने को उपखंड महू के कार्य के अतिरिक्त खंड इंदौर में कार्य सुगमता की दृष्टि से काम करने के लिए निर्देशित किया जाता है।
नहीं दी मंत्री को जानकारी
बड़ी बात यह है कि जिन मंत्री मलैया के सख्त निर्देश पर सोनवने का तबादला हुआ और तबादला आदेश की जानकारी भी जिन्हें सौंपी गई उन्हे सोनवने को दोबारा खंड इंदौर में लाने की सूचना तक नहीं दी गई। न कलेक्टर को जानकारी दी गई। आदेश की कॉपी मूख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री और सहायक यंत्री उपखंड महू को ही भेजी गई।
ऐसा क्या मोह है ‘पंचों’ से
उपयंत्री एम.के.नाइक, टेक्नीशियन पुरणसिंह बेस, अनुरेखक राजेंद्र वर्मा, अकाउंटेंट ओ.पी. सोनवने और सुभाषचंद्र गवंडे पर इस मेहरबानी ने श्रीवास्तव के खिलाफ लगातार हो रही शिकायतों की पुष्टि भी कर दी है। पेयजल समिति सदस्य भिलवारे ने बताया कि पांचों श्रीवास्तव के कमाऊ पूत की तरह हैं इसीलिए वे किसी भी तरह इन्हें दूर नहीं करना चाहते फिर भले कलेक्टर पूरी ताकत लगा ले या फिर मंत्री। यह श्रीवास्तव इस घटनाक्रम को अंजाम देकर साबित भी कर चुके हैं।
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