पाइप से खेत तक पहुंचेगा पानी, 5 हजार से ज्यादा किसान और 40 हजार आबादी को मिलेगा फायदा
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इंदौर से लेकर उज्जैन तक तर करने के साथ ही नर्मदा अब आम्बाचंदन, दतौदा और हरसौला जैसे महू-सिमरोल के सात गांव का सूखा दूर करेगी। इसके लिए ग्रामीणों की मांग पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने 60 करोड़ की विशेष योजना बनाई है जिसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी मंजूरी दे चुके हैं। योजना से आना वाला पानी इन गांवों के साथ ही यहां की 10 हजार एकड़ जमीन की जरूरत पूरी करेगा।
नर्मदा-शिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना के बाद एनवीडीए नर्मदा-गंभीर परियोजना पर काम कर रहा है। दोनों योजनाएं सिमरोल और आम्बाचंदन से होकर निकल रही है लेकिन इन गांवों को इसका फायदा न मिला, न प्रस्तावित योजना में मिल रहा था। अपनी जमीनों से निकली बड़ी-बड़ी नर्मदा लाइनों के बावजूद पानी के लिए आसमान तांकते आ रहे किसानों में इसे लेकर नाराजगी थी। अंतत: किसानों की चिंता और मुख्यमंत्री के निर्देश पर एनवीडीए ने स्कीम बनाई और हरि झंडी के लिए सरकार को सबमिट कर दी।
6 हजार से ज्यादा किसानों को मिलेगा फायदा
स्कीम मुलत: सिमरोल, मेमदी, दतौदा, हरसौला, आंबाचंदन, बगौरा और चोरडिया के लिए हैं। चोरल नदी, महू-सिमरोल रोड और इंदौर-खंडवा रोड पर बसे इन गांवों की आबादी 40 हजार से ज्यादा बताई जा रही है। प्रोजेक्ट के तहत 4000 हेक्टेयर (9880 एकड़) जमीन की सिंचाई होगी।
टेंडर प्रक्रिया जल्द
सीएम से मिली मंजूरी के बाद एनवीडीए ने टेंडर प्रक्रिया के लिए तैयारी कर ली है जल्द ही टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि टेंडर दिवाली के आसपास जारी होंगे।
क्या रहेगी स्कीम...
नर्मदा-गंभीर परियोजना के तहत आम्बाचंदन होते हुए नर्मदा को जो पानी पाइपलाइन के माध्यम से इंदौर और उज्जैन के गांवों को दिया जाना है उसमें से एक क्यूमिक मीटर/सेकंड (मतलब 1000 लीटर/सेकंड) पानी गांवों को दिया जाएगा।
आपूर्ति पाइप्ड होगी। सूत्रों की मानें तो 6 किलोमीटर लंबी राइजिंग मेन लाइन डलेगी। इसके बाद छोटी-बड़ी 150 किलोमीटर लंबी लाइन डलेगी। लाइन को ढ़ाई-ढ़ाई हेक्टेयर के चक बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा। ढ़ाई हेक्टेयर के चक से अपने पाइप के माध्यम से किसान अगली जमीन तक पानी पहुंचा सकता है।
नर्मदा-गंभीर की तरह यहां प्री-पेड मीटर नहीं लगेंगे लेकिन पानी की आपूर्ति रबी के सीजन में होगी। इसमें रोटेशन के साथ पानी दिया जाएगा। मतलब 24 घंटों को छह हिस्सों में बांटकर चार-चार घंटे चक बनाकर पानी दिया जाएगा ताकि सबको बराबर पानी मिले।
नर्मदा-गंभीर की धीमी गति से सरकार नाराज
चूंकि कंपनी नर्मदा-गंभीर परियोजना पर धीमी रफ्तार से काम कर रही है जिससे 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले योजना को जमींन पर उतारा जाना संभव नहीं हो रहा है इसीलिए सरकार ने इस मामले में सख्त रवैया अख्तियार करते हुए प्रोजेक्ट की अपने स्तर पर मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।
सूखा दूर हो जाएगा क्षेत्र का
नर्मदा-शिप्रा का पानी भी सिमरोल से गुजर गया। नर्मदा-गंभीर का भी आंबाचंदन से गुजरना है। हमारी जमीनों से लाइनें निकलेगी तो पानी हमें क्यों नहीं मिले। इसीलिए सरकार से लगातार प्रार्थना करते रहे। स्कीम मंजूर हुई है इसके लिए सरकार को धन्यवाद। इससे क्षेत्र का सूखा दूर होगा।
पुनमचंद मंडलोई, अध्यक्ष
किसान जागृति संगठन, किसान दतौदा
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इंदौर से लेकर उज्जैन तक तर करने के साथ ही नर्मदा अब आम्बाचंदन, दतौदा और हरसौला जैसे महू-सिमरोल के सात गांव का सूखा दूर करेगी। इसके लिए ग्रामीणों की मांग पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने 60 करोड़ की विशेष योजना बनाई है जिसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी मंजूरी दे चुके हैं। योजना से आना वाला पानी इन गांवों के साथ ही यहां की 10 हजार एकड़ जमीन की जरूरत पूरी करेगा।
नर्मदा-शिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना के बाद एनवीडीए नर्मदा-गंभीर परियोजना पर काम कर रहा है। दोनों योजनाएं सिमरोल और आम्बाचंदन से होकर निकल रही है लेकिन इन गांवों को इसका फायदा न मिला, न प्रस्तावित योजना में मिल रहा था। अपनी जमीनों से निकली बड़ी-बड़ी नर्मदा लाइनों के बावजूद पानी के लिए आसमान तांकते आ रहे किसानों में इसे लेकर नाराजगी थी। अंतत: किसानों की चिंता और मुख्यमंत्री के निर्देश पर एनवीडीए ने स्कीम बनाई और हरि झंडी के लिए सरकार को सबमिट कर दी।
6 हजार से ज्यादा किसानों को मिलेगा फायदा
स्कीम मुलत: सिमरोल, मेमदी, दतौदा, हरसौला, आंबाचंदन, बगौरा और चोरडिया के लिए हैं। चोरल नदी, महू-सिमरोल रोड और इंदौर-खंडवा रोड पर बसे इन गांवों की आबादी 40 हजार से ज्यादा बताई जा रही है। प्रोजेक्ट के तहत 4000 हेक्टेयर (9880 एकड़) जमीन की सिंचाई होगी।
टेंडर प्रक्रिया जल्द
सीएम से मिली मंजूरी के बाद एनवीडीए ने टेंडर प्रक्रिया के लिए तैयारी कर ली है जल्द ही टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि टेंडर दिवाली के आसपास जारी होंगे।
क्या रहेगी स्कीम...
नर्मदा-गंभीर परियोजना के तहत आम्बाचंदन होते हुए नर्मदा को जो पानी पाइपलाइन के माध्यम से इंदौर और उज्जैन के गांवों को दिया जाना है उसमें से एक क्यूमिक मीटर/सेकंड (मतलब 1000 लीटर/सेकंड) पानी गांवों को दिया जाएगा।
आपूर्ति पाइप्ड होगी। सूत्रों की मानें तो 6 किलोमीटर लंबी राइजिंग मेन लाइन डलेगी। इसके बाद छोटी-बड़ी 150 किलोमीटर लंबी लाइन डलेगी। लाइन को ढ़ाई-ढ़ाई हेक्टेयर के चक बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा। ढ़ाई हेक्टेयर के चक से अपने पाइप के माध्यम से किसान अगली जमीन तक पानी पहुंचा सकता है।
नर्मदा-गंभीर की तरह यहां प्री-पेड मीटर नहीं लगेंगे लेकिन पानी की आपूर्ति रबी के सीजन में होगी। इसमें रोटेशन के साथ पानी दिया जाएगा। मतलब 24 घंटों को छह हिस्सों में बांटकर चार-चार घंटे चक बनाकर पानी दिया जाएगा ताकि सबको बराबर पानी मिले।
नर्मदा-गंभीर की धीमी गति से सरकार नाराज
चूंकि कंपनी नर्मदा-गंभीर परियोजना पर धीमी रफ्तार से काम कर रही है जिससे 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले योजना को जमींन पर उतारा जाना संभव नहीं हो रहा है इसीलिए सरकार ने इस मामले में सख्त रवैया अख्तियार करते हुए प्रोजेक्ट की अपने स्तर पर मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।
सूखा दूर हो जाएगा क्षेत्र का
नर्मदा-शिप्रा का पानी भी सिमरोल से गुजर गया। नर्मदा-गंभीर का भी आंबाचंदन से गुजरना है। हमारी जमीनों से लाइनें निकलेगी तो पानी हमें क्यों नहीं मिले। इसीलिए सरकार से लगातार प्रार्थना करते रहे। स्कीम मंजूर हुई है इसके लिए सरकार को धन्यवाद। इससे क्षेत्र का सूखा दूर होगा।
पुनमचंद मंडलोई, अध्यक्ष
किसान जागृति संगठन, किसान दतौदा
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