- घटिया सामग्री से बन रहा है 48 करोड़ का नया सयंत्र
- नियमों को दरकिनार करके दिये ठेके, ठेकेदारों को पहुंचाया लाभ, संघ में लगाई सेंध
इंदौर. विनोद शर्मा ।
शहरवासियों को मिलावटी दूध से राहत दिलाने के लिए बना इंदौर दुग्ध संघ इन दिनों मिलावट से जुझ रहा है। मिलावट हुई है संघ परिसर में बन रहे करोड़ों रुपए के पाउडर प्लांट और एडमिनिस्टेÑटिव ब्लॉक के निर्माण में। इसका खुलासा सीईओ के.के.माहेश्वरी के खिलाफ हुई शिकायतों की प्रारंभिक जांच में के बाद हुआ। रिपोर्ट के साथ ही माहेश्वरी को थमाए गए संस्पेंशन लेटर में भी स्पष्ट लिखा है कि निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई है।
अंतरराष्ट्रीय मानक स्तर के दूध और दूध पदार्थों के निर्माण के साथ सुगम आपूर्ति के लिए 48 करोड़ की लागत से संघ परिसर में एक नवीन संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है। निर्माण कॉन्ट्रेक्टर आशुतोष शर्मा की कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। इस कंपनी को काम देने में माहेश्वरी की अहम भूमिका रही। इसी कंपनी को तालाब का पानी खाली करने के लिए एक करोड़ का भुगतान किया गया। मनमाना ठेका दिए जाने के बाद भी निर्माण जिस गुणवत्ता का होना था, नहीं हुआ। क्योंकि निर्माण के दौरान घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई। मप्र स्टेट को-आॅपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा जारी एक आॅर्डर में इसकी पुष्टि भी है।
संघ में पदस्थ अन्य अधिकारी भी अब नई बिल्डिंग की गुणवत्ता पर अंगुली उठा रहे हैं। उनकी मानें तो यहां जो सामग्री इस्तेमाल की जा रही है उस पर कई बार आपत्ति ली। ऊपर से मिले ग्रीन सिग्नल के बाद वही सामग्री इस्तेमाल भी हुई। ऐसी स्थिति में किसके सामने क्या कहें? जितनी हैसियत थी उतना विरोध भी किया।
कांग्रेस नेता के बेटे को दिया बिना टेंडर ठेका
माहेश्वरी ने सीईओ रहते कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद प्रेम खड़ायता के बेटे अंकित खड़ायता की कंपनी परी कंस्ट्रक्शन को दो अलग-अलग काम दिए। इसमें एक काम आठ लाख का था, दूसरा करीब 4 लाख का। माहेश्वरी के साथ ही परी द्वारा किए गए काम की जांच भी की जाना है। उधर, खड़ायता का कहना है कि उसका काम चौखा है। माहेश्वरी को जितने रुपए तक के काम बिना टेंडर कराने के अधिकार थे उन्होंने उतने कराए।
कक्कड़ की कंपनी को सिक्योरिटी
इसी तरह कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के सहयोगी प्रवीण कक्कड़ की कंपनी को दुग्ध संघ की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी भी माहेश्वरी ने अपने दम पर सौंपी थी। कक्कड़ और माहेश्वरी के बीच संबंध पारिवारिक हैं।
प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्य
- इंदौर दुग्ध संघ द्वारा जो नया डेयरी संयत्र बनाया जा रहा है उसके सिविल वर्क में टेंडर नियमों का पालन किए बिना काम दिया गया। उच्च गुणवत्ता के दावे के साथ टेंडर दिया लेकिन निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करके माहेश्वरी/कंपनी ने संघ को आर्थिक क्षति पहुंचाई।
- निर्माण के लिए ठेके गलत तरीके से दिए गए। बिना टेंडर प्रक्रिया के।
- डी वाटरिंग में जरूरत से कई गुना ज्यादा पैसा खर्च हुआ। जहां परिसर बन रहा है वहां तालाब नुमा गड्ढा था। इसका पानी निकालने के साथ ही बताया गया कि इसका भरवा भी हुआ। जबकि भवन निर्माण के लिए तो गड्डा खोदना ही पड़ता है। ऐसे में कंपनी ने खुदाई के पैसे बचाए और भराव का बिला पकड़ा दिया।
एक-एक बिंदु की जांच हो रही है...
फेडरेशन और संघ के आला अधिकारियों का कहना है कि निर्माण स् और माहेश्वरी से जुड़े एक-एक बिंदु की जांच हो रही है। फिर मामला घटिया सामग्री का हो या फिर बिना फेडरेशन को जानकारी दिए बिना कोल्ड स्टोर में बटर रखकर हर महीने 5 रुपए का किराया चुकाने का।