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तलाश सच्चाई की
Tuesday, October 7, 2025
10 साल पहले बना था अनिल अंबानी पर कार्रवाई का पाथ
तलावली लैक में तुलसी समर्थकों का मनमाना व्यू*
कलेक्टर का भू-माफियाओं की जेब पर करारा वार रद्द होगी अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्रियां
केम्को पर 28 करोड़ का इनकम टैक्स बाकी
निगम की मेहरबानी से नहीं टूट रहा प्रतिभा का ड्रीम
Sunday, August 24, 2025
कारोबारी कलह में घर में घुसकर चिराग जैन की हत्या, पार्टनर पर आरोप
बेटे ने की शिनाख्त, बोला विवेक अंकल आए थे घर में
विवेक ने वीडियो जारी करके कहा चिराग ने मुझे धोखा दिया
शनिवार सुबह व्यापारी चिराग जैन की उनके पूर्व साझेदार विवेक जैन ने चाकू मारकर हत्या कर दी। कनाडिया थाना क्षेत्र स्थित मिलन हाइट्स बिल्डिंग में हुई इस वारदात को मृतक के बेटे ने अपनी आंखों से देखा।आरोपी की पहचान की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फरार आरोपी की तलाश में टीमें गठित कर दी। शुरुआती जांच में कारोबारी विवाद को वजह माना गया है।
जानकारी के मुताबिक, चिराग जैन और आरोपी विवेक जैन बिजनेस पार्टनर थे। दोनों के बीच लंबे समय से व्यापार को लेकर विवाद चल रहा था। चिराग स्कीम-140 के पास स्थित मिलन हाइट्स में रहते थे। विवेक जैन मौके प पहुंचा। दोनों के बीच कहासुनी हुई। विवाद इतना बढ़ा कि विवेक ने घर में रखा चाकू उठाकर चिराग पर कई वार कर दिए। चिराग की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद विवेक मौके से भाग निकला।
कुछ देर बाद आसपास के लोगों ने देखा कि घर का गेट खुला हुआ है। अंदर खून फैला हुआ है। फौरन पुलिस को सूचना दी। घटना के वक्त चिराग की पत्नी पूनम जिम गई हुई थी। जब लौटी, तो देखा पति खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। परिवार में हड़कंप मच गया। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
घटना के समय चिराग का 10 साल का बेटा घर पर मौजूद था। जिसने पूरे मामले को देखा। बाद में पुलिस को बताया कि पापा के बिजनेस पार्टनर विवेक अंकल ही घर में आए थे। बच्चे की गवाही के बाद पुलिस ने विवेक को मुख्य आरोपी मानते हुए केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने चिराग के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी। घटनास्थल से कुछ अहम सबूत भी बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
लम्बे समय से अनबन थी चिराग-विवेक में
एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक, चिराग जैन अपने परिवार के साथ रहते थे। उनकी सांवेर रोड पर पाइप की फैक्ट्री है। तिलक नगर में रहने वाले बिजनेस पार्टनर विवेक जैन से पिछले कुछ समय से चिराग का विवाद चल रहा था। शनिवार सुबह विवेक बात करने के बहाने चिराग के घर पहुंचा था।
आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रहे
कनाडिया टीआई सहर्ष यादव ने बताया कि घटना सुबह करीब 6:30 से 7 बजे के बीच की है। दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ, ये जांच के बाद ही पता चलेगा। आरोपी बिजनेस पार्टनर फरार है।
दोस्त ने कहा- गले-पेट पर चाकू के 10-12 घाव
चिराग के दोस्त दीपक जैन ने बताया कि जब हम पहुंचे तो चिराग खून से लथपथ थे। उनके गले और पेट पर 10-12 चाकू के निशान थे। चिराग- विवेक दोनों भिंड के रहने वाले थे। कारोबार के लिए इंदौर आए थे। कारोबार के लिए लोन लिया था। प्रॉपर्टी गिरवी रखी थी। जिसे विवेक फ्री कराना चाहता था। चिराग ने मना कर दिया था। सांवेर रोड पर कारखाना है। चिराग ने वहां विवेक का आनाजाना प्रतिबंधित कर दिया था।
चिराग ने दिया धोखा
आरोपी विवेक जैन ने एक वीडियो जारी की। जिसमें बताया कि मैं 12 साल से अरियन सेल्स में चिराग के साथ पार्टनर हूं। 50% हिस्सेदारी है। मेरी संपत्ति भी लगी है। जिसका निपटारा नहीं हुआ। चिराग ने मेरे साथ बेईमानी की। कई बार समझाया। नहीं समझा। मुझे कंपनी से ही बाहर कर दिया। हिसाब-किताब की बात करता हूं तो जवाब नहीं देता।
Saturday, August 23, 2025
महेंद्र जैन और अरूण डागरिया की प्रिंसेसे एस्टेट को वैध का तमगा
कॉलोनी सेल का कमाल, देने जा रहे हैं
2023 में इसी सेल ने हीना पैलेस वैध कर दी थी, फिर अवैध छोड़ना पड़ा
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नगर निगम की कॉलोनी सेल अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नाम पर "कमाल' कर रही है। 2023-24 में कलेक्टर द्वारा सरकारी घोषित की गई जमीन पर प्रस्तावित हीना पैलेस को नियमित करने की नाकाम कोशिश की गई। अब उसी अंदाज में लसूड़िया की सबसे विवादित कॉलोनी प्रिंसेस एस्टेट काॅलोनी को बालेबाले वैध किया जा रहा है। ये कॉलोनी कुख्यात भू-माफिया महेंद्र जैन और उनके साले अरूण डागरिया की है। जिनके खिलाफ प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी के एक दर्जन केस लसूड़िया थाने में लम्बित है।
नगर निगम के "गांधीवादी' अफसरों ने भ्रष्टाचार को दो हिस्सों में बांट दिया है। एक सीधे-सीधे करना पड़ता है। दूसरा करना नहीं पड़ता, हो जाता है। इसका बड़ा उदाहरण है कॉलोन सेल। जब से अवैध कॉलोनियों के नियमीतिकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है, कॉलोनी सेल ने एक के बाद एक ऐसे जादू दिखा दिए, जिससे सब हैरान हैं। इस कड़ी में 19 अगस्त 2025 को अखबारों में जाहिर सूचना प्रकाशित कराई गई। इसमें सर्वे क्रमांक 257पार्ट, 258पार्ट, 259पार्ट, 260पार्ट, 261 पार्ट, 262पार्ट, 263पार्ट, 264/1पार्ट, 268 पार्ट, 269 पार्ट, 324पार्ट, 325पार्ट, 326पार्ट, 328पार्ट, 329 पार्ट, 330 पार्ट पर कटी प्रिंसेस एस्टेट कॉलोनी का ही जिक्र है।
सूचना के माध्यम से कॉलोनी के प्लॉटधारकों को सूचित करते हुए कहा गया है कि वे विकास शुल्क की राशि अनुसार अनिवार्य रूप से जमा कराएं। इसमें नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा 18 जुलाई 2023 को जाी पत्र (2915/1452905/2023/18-3) का हवाला देते हुए कहा गया है कि 150 रुपए/वर्गफीट की दर से विकास शुल्क जमा कराने वालों की कॉलोनी वैध की जाएगी। हालांकि नियमानुसार कॉलोनी में मकान होना भी जरूरी है लेकिन इस कॉलोनी में मकान नहीं बने हैं। न रहवासी है। न रहवासी संघ। बावजूद इसके कुख्यात भू-माफियाओं ने कॉलोनी को वैध करने का आवेदन लगा दिया। जिसे ले-देकर कॉलोनी सेल के कर्ताधर्ताओं ने स्वीकार भी कर लिया।
इससे पहले हीना पैलेस में हुआ था खेल
अगस्त 2023 में ही नगर निगम ने श्रीराम गृह निर्माण की अशरफ नगर को वैध करने की तैयारी की थी। इमसें खजराना के सर्वे नंबर 106, 1018, 1019/2, 1020, 1023/1, 1024, 1027, 1030 सहित 1028, 1437, 1015 1435, 1004, 1527 सहित अन्य खसरों की कुल 8.861 हेक्टेयर यानी 20 एकड़ से अधिक जमीन शामिल की गई है। इनमें से अधिकांश खसरे हीना पैलेस के थे। जिसकी जमीन कलेक्टर मनीष सिंह सरकारी घोषित कर चुके थे।
कॉलोनी सेल कई जादू सफलता पूर्वक दिखा चुका...
लोकायुक्त तक पहुंची एक शिकायत के अनुसार बिजलपुर की सनसाइन कॉलोनी और सिरपुर गांव की श्रीहरि विहार कॉलोनी भी वैध की गई। सनसाइन फार्म हाउस प्रोजेक्ट था जहां सिंधी समुदाय की अधिकांश हवेलियां बिना नक्शे या निगम से स्वीकृत नक्शे के विपरीत बनी है। इसी तरह श्रीहरि विहार में प्लॉटधारकों के पास न रजिस्ट्री है, न नोटरी। फिर भी कॉलोनी वैध हो गई।
अक्षरधाम भी वैध करने की तैयारी
इसी तरह 19 अगस्त 2025 को ग्राम मुसाखेड़ी के सर्वे नंबर 456/1, 456/2, 459, 460, 461, 461/1, 461/2, 463/5/4, 465/1, 465/3 की जमीन पर कटी अक्षरधाम कॉलोनी को वैध करने की तैयारी की गई। कॉलोनी से 1614 रुपए/वर्गमीटर पैसा विकास शुल्क मांगा गया। इसमें 1036 रुपए/वर्गमीटर आतंरिक विकास पर खर्च होगा और 578 रुपए/वर्गमीटर बाह्य विकास पर। तीन साल पहले कॉलोनी की शिकायतों के बाद अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने जांच कराई थी। अमृता, मेघना और गणपति तीन सहकारी समितियों को मिलाकर करीब 90 एकड़ जमीन पर कुलभूषण मित्तल, अरविंद बागड़ी, रमेश जैन, जगदीश, राम ऐरन, किशोर गोयल, जगदीश टाइगर पर हेरफेर के आरोप लगे थे।